मैथिली साहित्य महासभाक एहि ब्लॉग पर अपनेक स्वागत अछि। मैसाम मैथिली साहित्यक संवर्धन ओ संरक्षण लेल संकल्पित अछि। अपन कोनो तरहक रचना / सुझाव maithilisahityamahasabha@gmail.com पर पठा सकैत छी। एहि ब्लॉग के subscribe करब नहि बिसरब, जाहि सँ समस्त आलेख पोस्ट होएबाक जानकारी अपने लोकनि के भेटैत रहत। संपर्क सूत्र : 8010218022, 9810099451

Monday, 20 November 2017

पियासल पिआस

बुन्न एक मांगलौं जलक मुदा सागर सँ छल पिआस पैघ 
तापस बाला सन जीवन अद्भुद 
मोन कोनो बात पर कसकल नै 
ई सिकायत अधरों पर नहि आयल 
मेघ किएक हम्मर आँगन बरसल नहि ?
मरुथली रौद में जरैत पइर 
छाहरि लेल तरसल नहि !!
तट सं दूर भँवरक मध्य 
कम्पित लहरि सन भाग्य हम्मर रहल 
सुखक की रहत सौगात 
दुखो रहि  जेल अनकहल !!
नोरक एहि बरखा में 
तीतल  स्वप्न मुदा सिसकल नहि 
आलोक किरण बिखरि गेल 
सर्त  कतेको साथ में 
सुरभि फूल सं विलग कत '
बन्हल तमिस्रा पाश में। 
अहाँ कत्तौ रहु प्यार हम्मर रहत 
अहाँ कत्तौ रहु भावना हम्मर रहत 
आयुक सीमा में नहि आयल ओ दिवस 
दूर अहाँ सं रहि बितैलोँ हम्म 
मूर्च्छित प्राणक तार पर 
सौ गीत विरह केँ गबलहुँ हम्म -----

-डॉ शेफालिका वर्मा

2 comments: