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Thursday 16 November 2017

छठिक ओरियाओन गीत


उठु -उठु ब्राह्मण पंडित,दियौ पोथिया उचारि पूजब मन सँ आदित्य के, आदित्य होऊ ने सहाय ।
उठु - उठु डोमबा हो भइया,दियौ डगरा बनाय 
पूजब मन सँ आदित्य के,
आदित्य होऊ ने सहाय ।

उठु - उठु चमरा हो भइया,ढोल पिपही बजाऊ 
पूजब मन सँ आदित्य के 
आदित्य होऊ ने सहाय ।

उठु - उठु कुम्हरा हो भइया,दियौ कोशिया बनाई ,कुड़बार हाथी बनाऊ 
पूजब मन सँ आदित्य के 
आदित्य होऊ ने सहाय ।

उठु - उठु जोलहा हो भईया,आरतक पात बनाऊ , आओर बद्धी बनाऊ
पूजब मनसँ आदित्य के 
आदित्य होऊ ने सहाय ।

उठु - उठु कमरा(बढ़ई )हो भईया,दियौ सांचा बनाई 
पूजब मन सँ आदित्य के 
आदित्य होऊ ने सहाय ।

उठु - उठु तेलिया हो भईया,दियौ तेल पेड़ाई 
पूजब मन सँ आदित्य के 
आदित्य होऊ ने सहाय ।

उठु - उठु हलुवाईया हो भईया,दियौ मधुर बनाई 
पूजब मन सँ आदित्य के 
आदित्य होऊ ने सहाई ।

उठु - उठु गुअरबा हो भईया,दियौ दुधवा दुहाई 
पूजब मन सँ आदित्य के 
आदित्य होऊ ने सहाई ।

उठु - उठु मलिया हो भइया,फूलक माला बनाऊ 
पूजब मन सँ आदित्य के 
आदित्य होऊ ने सहाय ।

उठु - उठु कुजड़ा हो भइया,दियौ सजमनि तोराई 
पूजब मन सँ आदित्य के 
आदित्य होऊ ने सहाय ।

उठु - उठु बनियाँ हो भईया,दियौ सौदा अनाई 
पूजब मन सँ आदित्य के 
आदित्य होऊ ने सहाय ।

उठु - उठु धानुक हो भईया,दियौ घाट बनाई ,दियौ अंगना निपाय 
पूजब मन सँ आदित्य के 
आदित्य होऊ ने सहाय ।

उठु - उठु कोइरी हो भइया,अल्हुआ सुथनी कोड़ाऊ ,सभ फल लए आऊ 
पूजब मन सँ आदित्य के 
आदित्य होऊ ने सहाय ।

सभ बरण मिलि आबू,छठिक डलबा सजाऊ 
सभ मिलि चलू पोखरि घाट, 
सभ मिलि पूजू  छठि माई

सभकक सभ मनकामना,संतति कुलपरिबार
आदित्य आओर छठि मईया 
भरता अँचरा हमार ।
भरता अँचरा हमार ।
भरता अँचरा हमार ।

जय छठि मैया  !!!!!
********************
कल्पना झा
२६ .१० . २०१७

--- भगवान भास्कर के समर्पित एहि पोस्ट में 
हम किछु अनुचित बातक चर्च केलहुँ अछि
किनको आहत करबाक कोनो उद्येश्य नहि
मात्र  सभक आँखि खोलबाक एगो प्रयास
जाति पातिक भेद जखन भगवाने नहि करैत छथि त अनेरे 
हम सभ कियेक ..........

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