दर्शन जखने तखने भोर!
आयल भोरहु सहजहि तहिना
आनंदक आभा चहुँ ओर!!
आनंदित भ' अपन नीड़सँ
बाहर खेचर करइछ सोर !
सोर मचौने आनि पसारल
आनंदक आभा चहुँ ओर!!
जागय हमरहु दुनियाँ तहिना
मानि अपन ई अभिनव भोर!
मुदित प्रभाकरसँ आयल अछि
आनंदक आभा चहुँ ओर !!
साम्राज्यहु जे राखि बनौने
दुष्ट कुहेस बड़े घनघोर!
दुष्टक अंतो पाबि सुनिश्चित
आनंदक आभा चहुँ ओर!!
रुण्ड-मुण्ड भेल दुष्टहु तखने
भेल उमंगक बड़ हिलकोर!
अहिना जगमे होअय तहिसँ
आनंदक आभा चहुँ ओर !!
शांतिबयार बहय भोरहिसँ
डोलय ई मन तहिसँ जोर!
भाग्य सूर्य तन-मनकेँ जहिसँ
आनंदक आभा चहुँ ओर!!
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