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Saturday, 16 December 2017

उर्मिला

हँ हम उर्मिला छी
अस्तित्व विहीन संघर्ष रत
अपना आप के ढुढ़ैत तकैत
परित्यक्ते त रहलहुँ हमहुँ
पूरा पूरी चौदह साल
दीप लेसि हम अंतर बाहर
ताकी पहु निज दुनू ठाम
बाहर दीपजरैअछि टिम - टिम

अंतर मन में हाहाकार
कर्मक नहि भेटल अधिकार
पथ बाधा त नहिञें बनितहुँ
एकमात्र आशा छल प्रिय सँ

भरलनि अंतर मन बस ज्वार
लए चलितथि हमरो निज संग
रचलन्हि बिधना केहन विधाता
केलनि विधाता की हमरा संग
सिये-सिये जपितथि नहि सभजन

पुरितइ हमरो सभ मनकाम
जइतहुँ वन जौं हमहुँ पहु संग
देखितथि हमरो हृदयक संताप

दुनू बहिनी रहितहुँ संग मिली
मेटितहुँ भरिसक विधिक - विधान
तरसै अछि दर्शन विनु नैन
 

कल्पना झा

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