|| मिथिला हमर महान||
राम चन्द्र मिश्र "मधुकर
समधियौर अवधक नृप दशरथ ,
राम ब्रह्म केर प्रिय सासुर |
जनक विदेहक गृह थिक मिथिला ,
तुच्छ एकर आँगा सुरपुर ||
भारत पुरी अनेक कहाबय ,
सभ मे मिथिलापुरी महान |
कण कण भूमि यज्ञ सँ सेदल ,
मैथिल ज्ञानी आ विद्वान ||
जतय भूमि के उपजा सीता ,
दुष्ट दनुज कुल नाशी |
जग जननी जानकी के जनगण ,
सदा सतीत्व उपासी ||
वेद शास्त्र उपनिषदक रचना,
ग्रन्थ रत्न षडदर्शन |
भोग गृहस्था श्रम के करितो ,
मुक्त मैथिलक जीवन ||
देवी शक्ति विष्णु शिव दिनकर,
गणपति पंचदेव पूजन |
नेम टेम व्रत पावनि श्रद्धा ,
युक्त करथि मैथिल जनगण ||
सजल धजल शुभ वेश पुरातन ,
धोती चपकन दोपटा पाग |
एतय केर विधि व्यवहार सनातन
,गीत नाद मधुमय अनुराग ||
षड ऋतु अनुभव परम मनोहर ,
प्राकृतिक सौंदर्य महान |
खान पान सौन्दर्य सुधामय ,
स्वर्गहु दुर्लभ पान मखान ||
शस्य पूर्ण रह सभ नक्षत्र मे,
अन्नपूर्णा केर आँचर |
मालभोग आ धान सतरिया ,
मह - मह चौरी आ चाँचर |
घर घर मे गोसाउन कुल देवी ,
अचला रमा स्वरूपा |
देवो सँ नर रूप मनोहर ,
नारी सौन्दर्य अनूपा |
कलासिद्ध जग मे प्रसिद्ध छथि ,
मिथिला के नारी नर |
मिथिला सन नहि दोसर जग मे ,
उपमा कोनो ‘मधुकर’ ||
राम ब्रह्म केर प्रिय सासुर |
जनक विदेहक गृह थिक मिथिला ,
तुच्छ एकर आँगा सुरपुर ||
भारत पुरी अनेक कहाबय ,
सभ मे मिथिलापुरी महान |
कण कण भूमि यज्ञ सँ सेदल ,
मैथिल ज्ञानी आ विद्वान ||
जतय भूमि के उपजा सीता ,
दुष्ट दनुज कुल नाशी |
जग जननी जानकी के जनगण ,
सदा सतीत्व उपासी ||
वेद शास्त्र उपनिषदक रचना,
ग्रन्थ रत्न षडदर्शन |
भोग गृहस्था श्रम के करितो ,
मुक्त मैथिलक जीवन ||
देवी शक्ति विष्णु शिव दिनकर,
गणपति पंचदेव पूजन |
नेम टेम व्रत पावनि श्रद्धा ,
युक्त करथि मैथिल जनगण ||
सजल धजल शुभ वेश पुरातन ,
धोती चपकन दोपटा पाग |
एतय केर विधि व्यवहार सनातन
,गीत नाद मधुमय अनुराग ||
षड ऋतु अनुभव परम मनोहर ,
प्राकृतिक सौंदर्य महान |
खान पान सौन्दर्य सुधामय ,
स्वर्गहु दुर्लभ पान मखान ||
शस्य पूर्ण रह सभ नक्षत्र मे,
अन्नपूर्णा केर आँचर |
मालभोग आ धान सतरिया ,
मह - मह चौरी आ चाँचर |
घर घर मे गोसाउन कुल देवी ,
अचला रमा स्वरूपा |
देवो सँ नर रूप मनोहर ,
नारी सौन्दर्य अनूपा |
कलासिद्ध जग मे प्रसिद्ध छथि ,
मिथिला के नारी नर |
मिथिला सन नहि दोसर जग मे ,
उपमा कोनो ‘मधुकर’ ||
रचित -
28/10/2016
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