|| तिरहुतिया भोजन अकरे कही ||
उठि अन्हरौखे ब्रह्मस्नान ।
पूजा - पाठ जाप शिवध्यान ।।
भाल त्रिपुण्ड श्रीखण्डहि चानन ।
ठोप सिन्दूर सुशोभित आनन ।।
धोती कुर्ता , चानहि पाग ।
काँध दुपट्टा , चित अनुराग ।।
चूड़ा दही मिरचाइए नोन ।
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