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Friday 1 September 2017

बिना

डेग झारि नहि चलब बाट मे ठेसो लगनेँ |
पैर वारि नहि धरब मार्ग मे काँटो गरनेँ |
आबो नहि सम्हरब दुश्मन के वैभव हरणेँ |
आनक उन्नति देखि कोनो फल नहि हो जरनेँ |
युक्ति बिना नहि कार्य सिद्ध कतबो श्रम कएनेँ |
प्राप्त सफलता नहि हो , लगन धैर्य बिनु धएनेँ |
पेट भरय नहि रस लागल आँगुर केँ चटनेँ |
भेटय शान्ति संतोष बाँटि केँ हिस्सा खेनेँ |
मोजर भेटय ने गौरव गीत अपन मुँह गेनेँ |
सुनियों केँ अन्ठाबय, हरदम गाल बजेनेँ |
बिनु साहस के युद्ध विजय नहि खड्ग पिजेनेँ |
चौर बनय नहि भात पैन बिनु आगि सिझेनेँ |
सहन शक्ति नहि बिना क्रोध के आगि मिझेनेँ |
प्रेम होए नहि बात बिचार सँ बिना रिझेनेँ |
नहि श्रद्धा विश्वास बिना आत्मा सुनझेनेँ ||
************************मधुकर *************

01/09/2017

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